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मध्य प्रदेश: तीसरे सावन सोमवार पर उज्जैन में 1500 डमरू वादकों ने अपने प्रदर्शन से बनाया विश्व रिकॉर्ड

मध्य प्रदेश: तीसरे सावन सोमवार पर उज्जैन में 1500 डमरू वादकों ने अपने प्रदर्शन से बनाया विश्व रिकॉर्ड
Monday 05 August 2024 - 18:45
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पवित्र सावन माह के तीसरे सोमवार ने महाकाल की नगरी उज्जैन में एक नई उपलब्धि जोड़ दी। आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर, महालोक लोक के परिसर में स्थित शक्तिपथ पर कुल 1500 डमरू वादकों ने मनमोहक लयबद्ध प्रदर्शन कर विश्व रिकॉर्ड बनाया ।.

विज्ञप्ति में कहा गया है, " भगवान शिव के प्रिय वाद्य यंत्र डमरू की ध्वनि से शहर गूंज उठा। यहां एक साथ 1500 लोगों ने डमरू बजाया और फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन न्यूयॉर्क का 488 लोगों द्वारा डमरू बजाने का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया । गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक ऋषि नाथ ने डमरू वादन का विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रमाण पत्र प्रदान किया। " मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए उज्जैन को बधाई और शुभकामनाएं दीं ।.

सीएम यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'X' पर लिखा, "1500 डमरूओं की ध्वनि के साथ अवंतिका नगरी ( उज्जैन शहर) ने विश्व रिकॉर्ड बना दिया । बाबा महाकाल की नगरी को डमरूओं की ध्वनि से गुंजायमान करने की इच्छा आज पूरी हुई। आज पवित्र सावन माह के तीसरे सोमवार को भस्म आरती की धुन पर डमरू बजाकर उज्जैन ने
"गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड" में अपना नाम दर्ज करा लिया। अब इस अद्भुत और अलौकिक अनुभूति को शब्दों में बयां करना बहुत मुश्किल हो गया है। बाबा महाकाल हम सभी पर इसी तरह कृपा बनाए रखें। इस उपलब्धि पर बाबा महाकाल के सभी भक्तों को हार्दिक बधाई। " विज्ञप्ति में बताया
गया है कि 25 टोलियों के 1500 डमरू वादकों ने भस्म आरती की धुन पर डमरू बजाकर भगवान महाकाल की स्तुति की। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए 1500 कलाकारों ने एक साथ डमरू बजाया और डमरू व मंजीरों की मधुर ध्वनि आकर्षण का केंद्र रही। डमरू की ध्वनि से पूरा नगर गूंज उठा । महाकाल महालोक के समक्ष शक्तिपथ पर अनूठे आयोजन में केसरिया वस्त्र धारण किए डमरू वादक कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया । जिला प्रशासन व महाकाल प्रबंध समिति के प्रयासों से डमरू
वादन का सफल कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव के प्रयासों से बाबा महाकाल की सवारी भी और अधिक भव्य व दिव्य बन रही है। उन्होंने महाकाल की सवारी को भव्यता प्रदान करने का अनूठा प्रयास किया है । गौरतलब है कि सावन के महीने में हर सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकालने की परंपरा है। मान्यता है कि जनता का हाल जानने के लिए बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं। श्रद्धालु भी सवारी देखने के लिए सड़क किनारे घंटों इंतजार करते हैं और बाबा महाकाल के दर्शन कर खुद को धन्य मानते हैं।.

 


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