'वालाव' सिर्फ एक समाचार प्लेटफार्म नहीं है, 15 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में उपलब्ध है Walaw بالعربي Walaw Français Walaw English Walaw Español Walaw 中文版本 Walaw Türkçe Walaw Portuguesa Walaw ⵜⵓⵔⴰⴹⵉⵜ Walaw فارسی Walaw עִברִית Walaw Deutsch Walaw Italiano Walaw Russe Walaw Néerlandais Walaw हिन्दी
X
  • फजर
  • सूरज उगने का समय
  • धुहर
  • असर
  • माघरीब
  • इशा

हमसे फेसबुक पर फॉलो करें

प्रधानमंत्री मोदी ने अनुसंधान और विकास को मजबूत करने के लिए तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित किए

प्रधानमंत्री मोदी ने अनुसंधान और विकास को मजबूत करने के लिए तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित किए
Thursday 26 September 2024 - 19:19
Zoom

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर और हाई-परफॉरमेंस कंप्यूटिंग सिस्टम राष्ट्र को समर्पित किए। ये सिस्टम क्रमशः दिल्ली, पुणे और कोलकाता में लगाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा,
"ये सुपरकंप्यूटर यह सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करेंगे कि भारत के वैज्ञानिकों की अत्याधुनिक सुविधाओं तक पहुँच हो।" "आज लॉन्च किए गए तीन सुपरकंप्यूटर भौतिकी, पृथ्वी विज्ञान और ब्रह्मांड विज्ञान से उन्नत शोध में मदद करेंगे।" उन्होंने कहा, "

युवा दिमागों में वैज्ञानिक स्वभाव पैदा करने के लिए, स्कूलों में 10,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, STEM विषयों के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाई गई है।"
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) की स्थापना देश को शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, MSMEs और स्टार्टअप्स की बढ़ती कम्प्यूटेशनल जरूरतों को पूरा करने के लिए एक मजबूत सुपरकंप्यूटिंग बुनियादी ढाँचा प्रदान करने के लिए की गई थी। यह देश की कंप्यूटिंग शक्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपनी तरह की पहली पहल है।
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन का प्रबंधन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है तथा इसका क्रियान्वयन सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC), पुणे तथा भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु द्वारा किया जा रहा है।
ये सुपरकंप्यूटर मौसम एवं जलवायु, कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनेमिक्स, बायोइनफॉरमैटिक्स तथा मैटेरियल साइंस जैसे क्षेत्रों के लिए उपयोगी अनुप्रयोगों से सुसज्जित हैं। ये सिस्टम मशीन लर्निंग तथा डीप लर्निंग फ्रेमवर्क पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षमताओं के साथ-साथ क्लाउड सेवा के रूप में कंप्यूट तथा स्टोरेज की सुविधा प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा
, "इस वर्ष के बजट में 1 लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान कोष की घोषणा की गई है, ताकि भारत 21वीं सदी की दुनिया को सशक्त बना सके।" अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने हाल की सफलताओं की ओर इशारा करते हुए कहा, "भारत का लक्ष्य 2035 तक 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' स्थापित करना है।" 2023 में, भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग और भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 के प्रक्षेपण के साथ नई ऊंचाइयों को छुआ। इन मील के पत्थरों ने न केवल वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति को मजबूत किया, बल्कि देश में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास को भी बढ़ावा दिया। भारत अब महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन की तैयारी कर रहा है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों के दल को कक्षा में लॉन्च करके और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमताओं का प्रदर्शन करना है, जिसमें भारत के समुद्री जल में योजनाबद्ध लैंडिंग शामिल है। पीएम मोदी ने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र भी भारत के विकास का एक महत्वपूर्ण घटक बन गया है ।

सरकार ने अब तक भारत में पांच सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दी है, जिनमें से दो पर निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। शेष तीन साइटों पर काम जल्द ही शुरू हो जाएगा। कंपनियों ने पहले ही लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का संचयी निवेश किया है। 


अधिक पढ़ें