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बीईएल को 1,155 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिले, वित्त वर्ष 2025 में कुल ऑर्डर 7,075 करोड़ रुपये रहा
राज्य के स्वामित्व वाली रक्षा निर्माता भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने बुधवार को घोषणा की कि उसने दो अलग-अलग सौदों में 1,155 करोड़ रुपये के ऑर्डर हासिल किए हैं।
इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) से एक्स बैंड में स्वदेशी मल्टी फंक्शन रडार की आपूर्ति के लिए 850 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है।
डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और बीईएल द्वारा निर्मित यह पूरी तरह से स्वदेशी रडार नौसेना के जहाजों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए हवाई लक्ष्यों का पता लगाने, प्राप्त करने और ट्रैक करने में सक्षम है।
इसके अतिरिक्त, बीईएल ने जहाजों के लिए नेविगेशनल कॉम्प्लेक्स सिस्टम, थर्मल इमेजर्स, संचार उपकरण, फायर कंट्रोल सिस्टम, गन कंट्रोल सिस्टम, पुर्जे, सेवाएं आदि सहित 305
करोड़ रुपये के ऑर्डर प्राप्त किए हैं, कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया।
सरकारी स्वामित्व वाली रक्षा और एयरोस्पेस कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयरों में पिछले कुछ महीनों में मिले कई ऑर्डर की बदौलत अच्छा प्रदर्शन हो रहा है। पिछले 12 महीनों में शेयरों की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2024-25 तक 35,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात सहित 175,000 करोड़ रुपये के स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई नीतिगत पहल की हैं और रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए सुधार लाए हैं, जिससे रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला है। सरकार
रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण में भी भारी निवेश कर रही है, जिसके तहत कई रक्षा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय रूप से, कई वैश्विक कंपनियों ने भारत के साथ महत्वपूर्ण रक्षा और एयरोस्पेस ज्ञान साझा किया है या ऐसा करने की इच्छा जताई है।
भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड 21,083 करोड़ रुपये (करीब 2.63 बिलियन अमेरिकी डॉलर) पर पहुंच गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 32.5 प्रतिशत अधिक है, जब यह आंकड़ा 15,920 करोड़ रुपये था। हाल के आंकड़े बताते हैं कि 2013-14 की तुलना में पिछले 10 वर्षों में रक्षा निर्यात में 31 गुना वृद्धि हुई है।
पिछले वित्त वर्ष में भारत में रक्षा उत्पादन का कुल मूल्य 17 प्रतिशत बढ़कर 126,887 करोड़ रुपये हो गया।
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