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"सरकार हालिया पेपर लीक की निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध, दोषियों को दंडित किया जाएगा": राष्ट्रपति मुर्मू
NEET-UG परीक्षा में अनियमितताओं का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को कहा कि सरकार पेपर लीक की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच के साथ-साथ दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए
प्रतिबद्ध है। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "यह सुनिश्चित करना सरकार का निरंतर प्रयास है कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का पर्याप्त अवसर मिले। मेरी सरकार पेपर लीक की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच के साथ-साथ दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे पहले भी हमने अलग-अलग राज्यों में पेपर लीक होते देखे हैं। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इसके लिए देशव्यापी ठोस समाधान की जरूरत है। संसद ने परीक्षाओं में अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कानून बनाया है।" NEET-UG परीक्षा
आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है राष्ट्रपति ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर प्रकाश डाला और कहा कि सरकार भारत की विरासत और संस्कृति को फिर से स्थापित करने के साथ-साथ भविष्य के निर्माण के प्रयास भी कर रही है। उन्होंने कहा, "मेरी सरकार ने सीएए कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है। मैं सीएए के तहत नागरिकता प्राप्त करने वाले परिवारों के बेहतर भविष्य की कामना करती हूं। मेरी सरकार भारत की विरासत और संस्कृति को फिर से स्थापित करने के साथ-साथ भविष्य के निर्माण के प्रयास भी कर रही है।" "हाल ही में नालंदा विश्वविद्यालय के व्यावसायिक परिसर के रूप में इसमें एक नया अध्याय जोड़ा गया है। नालंदा केवल एक विश्वविद्यालय नहीं था, यह बुनियादी ज्ञान के केंद्र के रूप में भारत के गौरवशाली अतीत का प्रमाण था। मुझे विश्वास है कि नया नालंदा विश्वविद्यालय भारत को वैश्विक ज्ञान केंद्र बनाने में मददगार साबित होगा," राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा। 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 'आपातकाल' लागू करने की आलोचना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। आपातकाल के दौरान पूरा देश अराजकता में डूब गया था, लेकिन देश ऐसी असंवैधानिक शक्तियों के खिलाफ विजयी हुआ।" उन्होंने यह भी कहा कि अब भारत अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि प्रणाली में बदलाव कर रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा, "मेरी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को 3.20 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। मेरी सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत से अब तक 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों को हस्तांतरित की जा चुकी है। सरकार ने खरीफ फसलों के एमएसपी में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है। आज का भारत अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है।"
"आजकल दुनिया में जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। भारतीय किसानों के पास इस मांग को पूरा करने की पूरी क्षमता है। इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला को एकीकृत कर रही है। भारत की पहल पर पूरी दुनिया ने वर्ष 2023 में अंतरराष्ट्रीय बाजरा दिवस मनाया है। आपने देखा है कि हाल ही में पूरी दुनिया ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया है।" उन्होंने कहा
कि सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रखने के लिए उनमें सुधार की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "सशक्त भारत के लिए हमारी सेनाओं में आधुनिकता बहुत जरूरी है। युद्ध की स्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ बनें - इसके लिए सेनाओं में सुधारों की प्रक्रिया निरंतर चलती रहनी चाहिए। इसी सोच के साथ मेरी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सुधारों के साथ भारत 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रक्षा विनिर्माण कर रहा है। पिछले 1 दशक में हमारा रक्षा निर्यात 18 गुना बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।" उन्होंने कहा कि सरकार का
लक्ष्य है कि विकसित भारत के निर्माण के लिए गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों को हर सरकारी योजना का लाभ मिले।
उन्होंने कहा, "एक विकसित भारत का निर्माण तभी संभव है जब देश के गरीब, युवा, महिलाएं और किसान सशक्त होंगे। इसलिए मेरी सरकार द्वारा उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। हमारा लक्ष्य है कि उन्हें हर सरकारी योजना का लाभ मिले। भारत इस इच्छाशक्ति के साथ काम कर रहा है कि एक भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे। सरकारी योजनाओं की वजह से ही पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आए हैं।"
स्वच्छ भारत अभियान पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस अभियान के कारण गरीबों के जीवन की गरिमा और उनके स्वास्थ्य को राष्ट्रीय महत्व का विषय बनाया गया है।
उन्होंने कहा, "मेरी सरकार दिव्यांग भाई-बहनों के लिए किफायती और स्वदेशी सहायक उपकरण विकसित कर रही है। मेरी सरकार श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को एकीकृत कर रही है। डिजिटल इंडिया और डाकघरों के नेटवर्क का उपयोग करके दुर्घटना और जीवन बीमा का कवरेज बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। स्वच्छ भारत अभियान में गरीबों के जीवन की गरिमा और उनके स्वास्थ्य को राष्ट्रीय महत्व का विषय बनाया गया है। पहली बार देश में करोड़ों गरीबों के लिए शौचालय बनाए गए हैं। इन प्रयासों से हमें यह एहसास होता है कि आज देश सही मायने में महात्मा गांधी के आदेशों का पालन कर रहा है।"
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि विरोध का सामना करने के बावजूद पिछले 10 वर्षों में किए गए विभिन्न सुधार देश को लाभान्वित कर रहे हैं और समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं।
"मेरी सरकार एक और निर्णय लेने जा रही है, 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ मिलेगा। लगातार विरोध, पूर्वाग्रह, मानसिकता और संकीर्ण स्वार्थ के कारण लोकतंत्र की मूल भावना को बहुत नुकसान पहुंचा है। इसका असर संसद के साथ-साथ देश की विकास यात्रा पर भी पड़ता है।"
राष्ट्रपति ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में कई ऐसे सुधार किए गए हैं, जिनका लाभ आज देश को मिल रहा है। जब ये सुधार किए जा रहे थे, तब इनका विरोध किया गया था, लेकिन ये सभी सुधार समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। आज जीएसटी भारत की अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने, व्यापार और कारोबार को आसान बनाने का माध्यम बन रहा है। अप्रैल में पहली बार जीएसटी संग्रह 2 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है। इससे राज्यों का लाभ बढ़ा है।"