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सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए भारतीय रक्षा मंत्री का मोरक्को दौरा
भारतीय मीडिया सूत्रों के अनुसार, भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 21 से 24 सितंबर तक मोरक्को की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य रबात और नई दिल्ली के बीच सैन्य सहयोग को मज़बूत करना और अफ्रीका में भारत की रणनीतिक उपस्थिति का विस्तार करना है।
यह यात्रा रॉयल मोरक्को सशस्त्र बलों के साथ साझेदारी को मज़बूत करने और संयुक्त औद्योगिक परियोजनाओं के विकास पर केंद्रित होगी, जिनमें हाल के वर्षों में निरंतर वृद्धि देखी गई है। यह अफ्रीकी महाद्वीप पर अपनी तकनीकी और रक्षात्मक स्थिति को मज़बूत करने की भारत की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और स्थानीय उद्योगों के विकास पर ज़ोर दिया जा रहा है, जिससे मोरक्को एक प्रमुख साझेदार और पश्चिम तथा उत्तरी अफ्रीका का प्रवेश द्वार बन जाएगा।
पिछले चार वर्षों से, भारतीय कंपनी एमकेयू, जो मोरक्को में उपस्थिति दर्ज कराने वाली पहली रक्षा कंपनी है, ने मोरक्को को उन्नत सैन्य उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान की है, जिसमें बैलिस्टिक हेलमेट, बॉडी आर्मर, नाइट विज़न डिवाइस, लक्ष्यीकरण प्रणालियाँ और निगरानी उपकरण शामिल हैं, जिससे मोरक्को की पैदल सेना और विशेष इकाइयों के आधुनिकीकरण में सहायता मिली है।
2024 में, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) ने कैसाब्लांका में 8x8 "WhAP" पहिएदार बख्तरबंद प्लेटफार्मों को असेंबल और उत्पादन करने के लिए एक रणनीतिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह भारत की पहली विदेशी रक्षा निर्माण परियोजना और मोरक्को में पहला प्रमुख सैन्य उत्पादन और संयोजन केंद्र होगा। 20,000 वर्ग मीटर का यह स्थल अफ्रीकी बाजारों में सैन्य उपकरणों के निर्यात का केंद्र बनेगा, साथ ही स्थानीय रोजगार सृजन, आपूर्तिकर्ता क्षमताओं का विकास और रक्षा क्षेत्र में पेशेवर प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
राजनाथ सिंह की यह यात्रा मोरक्को और भारत के बीच सैन्य और औद्योगिक साझेदारी को मजबूत करने में ठोस प्रगति को दर्शाती है, जिससे विशेषज्ञता का आदान-प्रदान संभव होगा और अफ्रीका में एक रणनीतिक साझेदार के रूप में राज्य की भूमिका मजबूत होगी।