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पूर्व ब्रह्मोस इंजीनियर को आजीवन कारावास की सजा
नागपुर जिला न्यायालय ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में 2018 में गिरफ्तार ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को शासकीय गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) की धारा 3 और 5 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 3000 रुपये का जुर्माना लगाया।
अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एमवी देशपांडे ने निर्दिष्ट किया कि अग्रवाल को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 235 के तहत दोषी पाया गया था। सोमवार को अदालत ने फैसला सुनाया कि अग्रवाल को आईटी अधिनियम की धारा 66 एफ के तहत अपराधों के लिए आजीवन कारावास की सजा होगी। इसके अतिरिक्त, उन्हें शासकीय गोपनीयता अधिनियम की धारा 3(1)(सी) के तहत चौदह साल के कठोर कारावास और 3,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत के आदेश के अनुसार सभी सजाएँ एक साथ चलेंगी।.
अग्रवाल नागपुर में ब्रह्मोस एयरोस्पेस के मिसाइल केंद्र के तकनीकी अनुसंधान अनुभाग में काम करते थे। उन्हें 2018 में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के सैन्य खुफिया और आतंकवाद विरोधी दस्तों के संयुक्त अभियान के दौरान गिरफ्तार किया गया था ।
पूर्व इंजीनियर पर भारतीय दंड संहिता और कड़े आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप लगे थे।
उन पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) को संवेदनशील तकनीकी जानकारी लीक करने का आरोप था। अग्रवाल चार साल से ब्रह्मोस सुविधा में कार्यरत थे।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस के सैन्य औद्योगिक संघ (NPO मशीनोस्ट्रोयेनिया) के बीच एक सहयोगी उद्यम है। पिछले अप्रैल में बॉम्बे हाईकोर्ट
की नागपुर पीठ ने अग्रवाल को जमानत दे दी थी।.
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