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वामपंथी उग्रवाद देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के सामने सबसे बड़ी चुनौती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार इसे खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है, आज छत्तीसगढ़ के रायपुर में केंद्रीय गृह मंत्री
अमित शाह ने कहा। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि अब वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ मजबूत रणनीति और निर्मम दृष्टिकोण के साथ अंतिम प्रहार करने का समय है।
उन्होंने कहा, "मार्च 2026 से पहले देश से वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा"।
अमित शाह ने कहा, "मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा के बजाय विकास में लोगों के बीच विश्वास जगाने का काम किया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद में शामिल युवाओं से हिंसा का त्याग करने और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के विकास के महायज्ञ में शामिल होने का आह्वान किया।"
उन्होंने कहा, "मोदी सरकार वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा को त्यागकर विकास के विश्वास के साथ आगे बढ़ रही है।"
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वामपंथी उग्रवाद के कारण पैदा हुई विकास की कमी की खाई को पाटने का हर संभव प्रयास कर रही है। श्री शाह ने बताया कि मोदी सरकार की दृढ़ता के कारण 2019 से 2024 तक कई राज्य वामपंथी उग्रवाद से लगभग पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं।
शाह ने कहा कि 2022 में, 4 दशकों में पहली बार, वामपंथी हिंसा के कारण होने वाली मौतों की संख्या 100 से नीचे आ गई है। उन्होंने बताया कि 2022 और 2024 के बीच वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाओं की सबसे कम संख्या दर्ज की गई है। शाह ने कहा कि जहां 2010 में सबसे अधिक 1005 मौतें दर्ज की गई थीं, वहीं 2023 में यह संख्या घटकर 138 हो गई है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा शून्य को भरने से वामपंथी उग्रवाद के वित्तपोषण पारिस्थितिकी तंत्र को गहरा झटका लगा है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद को सीमित करना देश के सुरक्षा बलों और लोकतंत्र की जीत है।
शाह ने कहा कि सीआरपीएफ में 2017 में 'बस्तरिया बटालियन' का गठन किया गया जिसमें सभी जवान बस्तर क्षेत्र से थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद 2022 में एक विशेष अभियान के तहत दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर से 400 आदिवासी जवानों को इस बटालियन में भर्ती किया गया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस समस्या से लड़ने के साथ-साथ सुरक्षा बल वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों की निगरानी भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों में छत्तीसगढ़ में कनेक्टिविटी, सड़क निर्माण और वित्तीय समायोजन की दिशा में काफी काम हुआ है। शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही नई आत्मसमर्पण नीति लाएगी ताकि युवा हथियार छोड़कर प्रभावी तरीके से विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी सरकारी योजनाओं को शत-प्रतिशत पूरा करने के लिए मार्च 2025 तक का लक्ष्य रखा है।
शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार वामपंथी उग्रवाद के कारण निरक्षर रह गए लोगों को शिक्षित करने के लिए संयुक्त रूप से अभियान चलाएगी।.